राजेंद्र नगर और बाजार समिति का भू-जल अभी पीने लायक नहीं

- जलजमाव का गंदा पानी 150-250 फीट तक नीचे पहुंचा
- पीएमसीएच की वायरोलॉजी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में पाया गया 30 फीसदी से ज्यादा बैक्टेरिया
रविशंकर उपाध्याय, पटना.

राजधानी के राजेंद्र नगर और बाजार समिति मुहल्ले का पानी अभी पीने लायक नहीं है. दस दिनों से ज्यादा समय तक गंदे पानी के जलजमाव के कारण इस इलाके का भू-जल दूषित हो गया है. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल यानी पीएमसीएच के वायरोलॉजी डिपार्टमेंट ने जब इन दोनों इलाके से कुल 13 विभिन्न जगहों पर निजी बोरिंग का सैंपल लेकर बैक्ट्रोलॉजिकल टेस्ट किया तो इस पानी में 30 प्रतिशत से ज्यादा बैक्टेरिया पाया गया. पांच सैंपल में इकोलाई और बैक्टेरिया मिला है जो स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से खतरनाक है. इस पानी को पीने से डायरिया, दस्त से लेकर टायफाइड और पेट की अन्य बीमारियां हो सकती है. इसके कारण अगले एक पखवारे तक उस इलाके में रहनेवाले लोगों को सावधानी रखने की आवश्यकता है. वहीं, बेली रोड के पुनाईचक में भी सैंपल लेकर जांच की गयी लेकिन वहां के पानी में कोई बैक्टेरिया नहीं मिला है, यानी वहां का पानी पीने लायक पाया गया है.
जलजमाव का गंदा पानी बोरिंग के अंदर चला गया
पीएमसीएच के वायरोलॉजी डिपार्टमेंट ने काफी दिनों तक जलजमाव के बाद यह तय किया कि उन इलाकों के पानी की जांच की जाये. इसके बाद पिछले आठ अक्तूबर को राजेंद्र नगर, बाजार समिति और पुनाईचक इलाके के पानी का सैंपल लिया गया. बुधवार को जो रिपोर्ट आयी वह चौंकाने वाली रही. जांच टीम में काम कर रहे डॉ नवीन कुमार ने बताया कि जलजमाव के बाद गंदा पानी या तो बोरिंग के कपलिंग से अंदर चला गया है या फिर खुले बोरवेल के माध्यम से भू-जल में मिल गया है. यह लगातार पानी का प्रयोग होने के बाद ही पीने लायक हो सकेगा.
पानी को उबाल कर या क्लोरीन डाल कर पीएं
इस बीच वायरोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने लोगों को सलाह दी है कि अभी 15 दिनों तक पानी को खौलाने के बाद ठंडा कर पीएं या फिर पीने के पानी में क्लोरीन की एक गोली डाल दें. इसके साथ ही पानी के टंकी में ब्लीचिंग पाउडर डालकर छोड़ दें और उसके बाद उसका पीने में इस्तेमाल करें. इससे बीमारियों से बचे रहेंगे.
कोट :
राजेंद्र नगर और बाजार समिति में दूषित पानी के काफी दिनों तक जमा रहने के कारण भू-जल में बैक्टेरिया पाया गया है. इस प्रदूषित पानी पीने से कई बीमारी हो सकती है. इस कारण अभी कुछ दिनों तक पानी को 60-70 डिग्री पर उबाल लेने के बाद ही इस्तेमाल करें.
-डॉ सत्येंद्र कुमार, विभागाध्यक्ष, वायरोलॉजी, पीएमसीएच

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