पटना में एयरसेल के ऑफिस पर लग गया ताला, 500 से ज्यादा कर्मचारियों को कंपनी ने कह दिया घर बैठो

 
-कुछ दिन पहले ही कंपनी ने दिवालिया होने का नोटिस दिया था
पटना.

जियो की फोर जी क्रांति ने जहां टेलिकॉम सेक्टर की सूरत बदल कर रख दी वहीं इसने कई घरों के चूल्हे भी बंद करा दिये हैं. ये घर है टेलिकॉम कंपनियों के कर्मचारियों के. ताजा खबर यह है कि पटना में मंगलवार को एयरसेल ने अपने स्टेट ऑफिस पर ताला जड़ दिया है. एक सप्ताह पहले ही कंपनी ने सभी कर्मचारियों को घर बैठने का आदेश सुना दिया था. इससे 500 कर्मचारी प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित हुए हैं जो पटना के साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों के ऑफिस में काम कर रहे थे. लेकिन अभी तक कंपनी ने कर्मचारियों को अधर में ही रखा है. उन्हें इस बाबत कोई नोटिस नहीं दी है कि उनके भविष्य का क्या होगा? इसके अलावा सैंकड़ो व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है. ये व्यापारी एयरसेल के कूपन वाऊचर से लेकर मोबाइल टावर कंपनियों का संचालन करते थे. मंगलवार को सभी कर्मचारियों ने बेली रोड स्थित आॅफिस के पास खूब हल्ला हंगामा किया.

30 जनवरी को ही छह सर्कल में बंद हो गयी थी सर्विस, बिहार में फरवरी के दूसरे सप्ताह से असर
आपको बता दें कि एयरसेल ने 30 जनवरी को छह सर्कल में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया, इनमें गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश शामिल है. कंपनी ने उस वक्त कहा था कि अत्यधिक प्रतिस्पर्धी कारोबारी माहौल में काम करना अब मुश्किल हो रहा है. वहीं बिहार में फरवरी के पहले सप्ताह से असर होना शुरू हुआ जो दूसरे सप्ताह तक आते आते सर्विस पर पूरी तरह लगाम लग गयी. मालूम हो कि सितंबर 2016 में टेलिकॉम सेक्टर में जियो की एंट्री हुई जिसके बाद से कंपनी की मुश्किलें और बढ़ गयीं. जियो की एंट्री ने टेलिकॉम सेक्टर में बड़ी हलचल पैदा कर दी थी.
दिवालिया होने की पहले ही कर दी थी घोषणा
जियो की एंट्री के बाद भारतीय टेलिकॉम उद्योग ने भारी उतार-चढ़ाव भरे माहौल का सामना किया. इसका प्रभाव एयरसेल पर भी पड़ा. जुलाई 2016 में 120 करोड़ रुपये के तिमाही परिचालन लाभ से, एयरसेल दिसंबर 2017 तक 120 करोड़ के परिलाचन नुकसान में पहुंच गया. कंपनी, जो मौजूदा समय में एक वित्तीय संकट का सामना कर रही है, विकल्प तलाश रही है और उधारदाताओं सहित सभी हितधारकों से बातचीत का क्रम बढाये हुए है ताकि आगे की संभावनाओं को पहचाना जा सके. इसकी मूल कंपनी मैक्सिस पहले कंपनी के समर्थन के लिए कुछ पैसा निवेश करने की योजना बना रही थी, लेकिन अचानक उसने भी अपने हाथ खींच लिये. 15,500 करोड़ रुपये के लोन को सुधारने के असफल प्रयास के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सर्कुलर ने एयरसेल को बैंकों के लिए गैर-निष्पादित संपत्ति करार कर दिया जिस कारण अब कंपनी अपने बैंक खातों के फ्रीज होने की समस्या से जूझा और इसके बाद उसने सरकार को बता दिया कि कंपनी दिवालिया हो गयी है.

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