सावधान! पीएम मोदी के नाम से जारी संदेश से ठगे जा सकते हैं आप


-युवाओं को लैपटॉप और पीएम आवास योजना के तहत राशि देने के नाम पर शुरू हुई जालसाजी
-www.modi-laptop.wish-karo-yar.tk और modi-laptop.wishguruji.com से आ रहा ऑफर
-narendrmodinewyojna.blogspot.com से भी मांगा जा रहा सारा डिटेल
-साइबर एक्सपर्ट कहते हैं रहें सतर्क
Ravishankar Upadhyay, Patna. 
मैसेज: 1. 
कृप्या ध्यान दें, इस योजना में भारत का हर व्यक्ति आवेदन दे सकता है. नरेंद्र मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने की खुशी में मेक इन इंडिया के तहत 2 करोड़ों युवाओं को मुफ्त लैपटॉप देने का ऐलान किया है, अभी तक 30 लाख युवा सफलतापूर्वक आवेदन कर चुके हैं अब आपकी बारी है अंतिम तिथि से पहले अपना आवेदन जल्द से जल्द सबमिट करें.
modi-laptop.wishguruji.com
मैसेज: 2. 
मेक इन इंडिया के तहत एक कार्यक्रम में दो करोड़ लैपटॉप युवाओं को मुफ्त में वितरित किए जा रहे हैं. अब तक 30 लाख से अधिक लोगों ने पहले ही इस प्रस्ताव का लाभ उठाया है, सभी के पास मुफ्त लैपटॉप के लिए इस वेब लिंक www.modi-laptop.wish-karo-yar.tk पर क्लिक कर डिटेल्स दर्ज करें.
मैसेज: 3. 
मैं भी हैरान हूं, पर यही सच है. प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 2019 में भारी बहुमत से चुनाव जीतकर प्रधान मंत्री आवास योजना के चलते सभी को 50-50  हजार रुपये देने का वादा किया है तो अभी निचे लिंक पर क्लिक करके अपना फॉर्म भरे और अपना नाम इस योजना में जोड़े. पता है: https://narendrmodinewyojna.blogspot.com
मैसेज: 4. 
अपने मोबाइल को रिचार्ज नहीं करें, नरेंद्र मोदी 400 रुपये के रूप में सबको दे रहे हैं. अपने प्रोजेक्ट (स्मार्ट सिटी) की शानदार सफलता के लिए आपके मोबाइल पर रिचार्ज कराया जायेगा. इस मैसेज को 13 लोगों को भेजें और पांच मिनट के बाद अपना बैलेंस चेक करें.  वोडाफोन * 111 * 6 * 2 #।,  एयरटेल * 121 * 2 #।,  आइडिया * 123 * 10 #।,  एयरसेल * 165 * 6 * 1 #। और जियो  के लिए 1991 पर कॉल करें.            
एक ओर जहां देश भर में लोग लोकसभा चुनावों में नरेंद्र मोदी और भाजपा की प्रचंड जीत का जश्न मना रहे हैं, वहीं केंद्र सरकार की योजनाओं के नाम पर लोगों को धोखा देने के आरोप में साइबर धोखाधड़ी करने वाले ठग भी इस जश्न में शामिल हो गये हैं. लोगों के जश्न के मूड का फायदा उठाते हुए और पैसे कमाने के प्रयास के साथ जालसाज पिछले चार दिनों से राज्य के विभिन्न हिस्सों में मोबाइल उपभोक्ताओं को एसएमएस, वाट्सएप और मैसेंजर पर संदेश भेज रहे हैं, उन्हें इस खबर के साथ लुभाने की कोशिश कर रहे हैं कि चुनावों में जीत के बाद सभी को तत्काल लाभ मिलेगा.
धोखाधड़ी का नया तरीका 
साइबर विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह सेंटिमेंट को भुनाने का तरीका है ताकि उनकी व्यक्तिगत जानकारियां हैक की जा सके. विशेषज्ञों के अनुसार .tk डोमेन भारत का नहीं है, न ही wishguruji.com सरकार से संबंधित कोई साइट है. blogspot.com तो गूगल के द्वारा दी जाने वाली मुफ्त ब्लॉग का पता है. इस कारण पहली नजर में यह पता चलता है कि इसका कहीं कोई सरकारी योजना से सरोकार नहीं है. यह स्पष्ट है कि आपकी निजी जानकारी चुराने के लिए ऐसे संदेश आपको भेजे जा रहे हैं.
सरकारी वेबसाइट में gov.in यूआरएल का होता है प्रयोग 
सभी भारतीय सरकारी वेबसाइटों में gov.in यूआरएल का प्रयोग किया जाता है, जबकि उपर्युक्त फर्जी संदेशों में दिया गया डोमेन .tk टोकेलाऊ के बारे में बताता है, जो न्यूजीलैंड का एक शहर है. एक बार जब कोई व्यक्ति इन लिंक्स पर क्लिक करता है, तो उन्हें अपना नाम, आयु, राज्य और मोबाइल नंबर साझा करने के लिए कहा जाता है. विवरण दिये जाने के बाद ब्राउजर खुद ब खुद मोबाइल या कंप्यूटर की जानकारियां स्कैन करने लगता है. विशेषज्ञों के अनुसार इसके परिणामस्वरूप आपके डिवाइस में मैलवेयर प्रवेश कर सकता है. जिसके बाद वायरस अटैक करेगा.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ? 
साइबर अपराध के विशेषज्ञ पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार कहते हैं कि ये सभी लिंक कुछ समय के लिए काम करते हैं और डेटा एकत्र करने के बाद स्थायी रूप से बंद हो जाते हैं. सभी लोगों को इसके फेर में फंसने से बचने के लिए सरकारी वेबसाइटों या संबंधित मंत्रालयों या विभागों की वेबसाइटों से क्रॉस चेक करना चाहिए. यहां तक कि लोगों को सरकारी वेबसाइटों के रूप में ड्यूप्लिकेट वेबसाइट का उपयोग करके फंसाया जा सकता है. सबसे अच्छा तरीका है कि यूआरएल को पहचानें और उसके बाद ही उस पर क्लिक करें.
यदि ऐसा कोई संदेश आये तो क्या करें? 
आप ई-मेल या वेबसाइटों के किसी भी लिंक पर कभी भी क्लिक न करें. मोबाइल फोन पर ऐसी वेबसाइटों और लिंक को एक्सेस करना अधिक खतरनाक है, क्योंकि इनमें मैलवेयर हो सकते हैं और यह आपकी व्यक्तिगत जानकारी जिसमें बैंक खाता विवरण, चित्र और मेल तक पहुंच प्राप्त कर सकता है. साइबर अपराध के जानकार अधिकारियों का कहना है कि ये संदेश स्पैम हो सकते हैं और साइबर जालसाजों का एक जाल भी हो सकता है. इस कारण आप ऐसे संदेशों के मिलने पर सतर्क रहें. 

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