चुनावी यात्रा: जमुई में चिराग जले या बुझे, अंधेरे को अब भी रोशनी का इंतजार

रविशंकर उपाध्याय, जमुई.
नवादा से जैसे ही हम सिकंदरा प्रखंड, जमुई की सीमा में पहुंचते हैं वहां राज अबगिला चौरासा गांव की ठाकुरबाड़ी के पास कुछ लोग बैठे मिल जाते हैं. कभी यह इलाका नक्सली गतिविधियों की चपेट में रहा था लेकिन अब थोड़ी शांति है. बिजली की सुविधा घर घर पहुंची है और सड़क के साथ पानी से भी गांव जुड़ रहे हैं. लेकिन इसके बाद भी गांव सूने पड़े हैं. वजह वही रोजगार की कमी है. कभी यह गांव तालाबों का गांव कहा जाता था और फसल काफी अच्छी होती थी लेकिन अब लोग बेहतरी की तलाश में शहरों की ओर जा रहे हैं जो हर गांव की कहानी है. अबगिला में हमें गब्बर पांडे मिल जाते हैं, कहते हैं व्हाट्सएप पर इन दिनों हमें सांसद चिराग पासवान का एक वीडियो मिल रहा है. उस वीडियो में बताया गया कि कैसे उनके प्रयास से पासपोर्ट सेवा केंद्र खुल गया है और लोग विदेश जा रहे हैं, अब उन्हें कौन समझाये कि इस क्षेत्र से लोग विदेश नहीं जाते हैं बल्कि काम की तलाश में बिहार के साथ देश के बड़े शहरों की ओर पलायन करते हैं और इसके लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ती है. मौके पर नीरज कुमार कहते हैं कि उनका बयान इन दिनों अखबार में पढ़ रहा हूं कि मेडिकल कॉलेज उन्हीं के प्रयास से खुल रहा है लेकिन यह तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल का नतीजा है. बतौर सांसद उनकी उपलब्धियां क्या है? यह सवाल हमें यही नहीं बल्कि पुरसंडा गांव के मुन्ना कुमार भी पूछते हैं लेकिन ये सामान्य वर्ग के लोगों का रुझान है. जैसे ही हम अनुसूचित जाति के टोले की ओर जाकर चुनाव को लेकर सवाल पूछते हैं तो वहां डिसकोर्स बदल जाता है. रामवृक्ष पासवान राजनैतिक रूप से एक्टिव हैं, वे कहते हैं कि चिराग की उपलब्धियों पर जाइए, केंद्र की सरकार ने हमारे यहां झाझा में केंद्रीय विद्यालय खोला है, 20 करोड़ का फंड सेंक्शन कराया है, झाझा-चकाई-गिरिडीह की 93 किमी रेलवे लाइन की परियोजना पर काम हो रहा है, पासपोर्ट केंद्र भी खोला है. कई काम हो रहे हैं. इस वर्ग में चिराग का एक फैन क्लास भी क्रिएट हुआ है. लेकिन जमुई सुरक्षित सीट पर महागठबंधन की ओर से भूदेव चौधरी भी अपना खम ठोक रहे हैं. उनका भी अपना पुराना जनाधार इस इलाके में रहा है.
सीएम नीतीश के सहारे चिराग पासवान का चुनावी अभियान 
जमुई और नवादा के बीच डोलड्रम बना शेखपुरा
शेखपुरा विधानसभा जमुई संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है तो इस जिले का दूसरा विधानसभा बरबीघा नवादा का हिस्सा है. पूरा जिला इसमें डोलड्रम की स्थिति में है. यहां के राहुल कुमार कहते हैं कि भूदेव चौधरी सशक्त उम्मीदवार हैं. चिराग आने वाला है... का गीत बजा देने से क्या होगा? हमारे लोकसभा क्षेत्र में वे काफी कम आए हैं और तो और उनतक पहुंचना, अपनी बात रखना काफी कठिन है. शेखपुरा शहर के महारानीपुरम मुहल्ले में सत्यनारायण पांडे रहते हैं, वे कहते हैं कि शेखपुरा एक छोटा जिला है जहां पर राजो सिंह के राजनेता रहते काफी काम हुआ. उन्हीं की वजह से जिला भी बना और बुनियादी सुविधाएं आयी. उसके बाद किसी ने कुछ ज्यादा किया नहीं. चिराग पासवान का संसदीय काल भी उसी में एक है लेकिन मोदी को एक बार और प्रधानमंत्री बनना चाहिए. शेखपुरा से ही दो किमी की दूरी पर भोजडीह गांव में राजीव रंजन भी यह शिकायत करते हैं कि मौजूदा सांसद चिराग ने शेखपुरा के लिए कोई काम नहीं किया है, केवल रेल लाइन का दोहरीकरण और बिजलीकरण कहने से क्या होगा? यहां के पर्यटन को संवारा जा सकता है और पहाड़ों के खनन के रोजगार से आमलोगों को जोड़ा जा सकता है जो नहीं किया गया.
चिराग का बतौर सांसद फंड रिपोर्ट कार्ड:
पात्रता: 25.00 करोड़
आवंटन: 17.50 करोड़
उपलब्ध राशि : 19.97 करोड़
सैंक्शन राशि: 24.54 करोड़
खर्चा: 17.32 करोड़
उपयोग का प्रतिशत: 97.46
बची हुई राशि: 2.65 करोड़

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