रविशंकर उपाध्याय, पटना.
इन दिनों बिहार के विरासत स्थलों की ब्रांडिंग का एक विज्ञापन सोशल मीडिया पर छाया हुआ है. इस वीडियो में एक्टर जब पहली बार बिहार आता है तो यहां के विरासत स्थलों का भ्रमण करता है. वह बिहार को नालंदा, बोधगया, वैशाली, गंगा के जरिये जानने समझने की कोशिश करता है और अंत में सभी को संदेश देता है कि जब तक बिहार आइएगा नहीं तब तक बिहार को जानिएगा नहीं. संदेश स्पष्ट है बिहार में जब तक विरासत स्थलों का विहार नहीं करेंगे तब तक बिहार को सचमुच में नहीं जान पाएंगे. क्योंकि बिहार में कदम कदम पर विरासत बिखरे पड़े हैं, जो न केवल हमारे गर्व का हिस्सा हैं बल्कि वह हमारी पहचान से भी जुड़ा हुआ है. प्रदेश के विभिन्न भागों में मूर्त एवं अमूर्त विरासतों का संरक्षण कर मौजूदा के साथ ही नयी पीढ़ी को बताने की आवश्यकता है ताकि वह इस पर नाज कर सकें.
Takhat Harimandir sahib, Patna city |
Buddha@Bodhgaya |
Jain Mandir, Pawapuri |
बक्सर में राजा भोज के भग्नावशेष से लेकर मोतिहारी में जॉर्ज ऑरवेल के जन्म स्थान तक बिहार पुरातत्व विभाग ने करीब 13 पुरातत्व स्थलों को पिछले दस वर्षों के अंदर अपने दायरे में लिया है. राज्य के पुरातत्व निदेशालय के शीर्ष अधिकारियों के मुताबिक, बिहार प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व स्थल भग्नावशेष एवं कला निधि अधिनियम, 1976 के तहत संरक्षित स्मारकों की कुल संख्या 48 हो गई है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अरवल जिले के लारी इलाके में स्थित एक प्राचीन टीले को हाल में संरक्षित घोषित किया गया है. इसके लिए पिछले वर्ष सितंबर में अधिसूचना जारी की गई थी.’ इस सूची में उपनिवेशकालीन जमुई जिले का घंटा घर भी शामिल है.
Manershariff |
Surya mandir, Dev |
गोलघर पटना
अगमकुआं गुलजारबाग, पटना सिटी
बेगू हज्जाम की मस्जिद गुलजारबाग, पटना सिटी
जैन मंदिर, कमलदह गुलजारबाग, पटना सिटी
दो रूखी प्रतिमा कंकड़बाग, पटना
छोटी पटन देवी पटना सिटी
अलावल खां का मकबरा सासाराम
सूर्य मंदिर, कन्दाहा सहरसा
कटरा गढ़ मुजफ्फरपुर
नेपाली मंदिर हाजीपुर
खेरी पुरातत्व स्थल शाहकुंड, भागलपुर
महमूदशाह का मकबरा कहलगांव, भागलपुर
जलालगढ़ किला कसबा, पूर्णिया
आरा हाउस, महाराजा कॉलेज हाता आरा
चौसागढ़ नसरतपुर, बक्सर
दाउद खां का किला दाउदनगर, औरंगाबाद
रामशिला पर्वत गया
प्रेतशिला पर्वत चिरैयारोड, बहादुर बिगहा
विष्णुपद मंदिर गया
ब्रह्नयोनि पहाड़ गया
हजारीमल धर्मशाला बेतिया
मीरा बिगहा जहानाबाद
बाबू कुंवर सिंह जन्म स्थल भोजपुर
जामी मस्जिद वैशाली
मसही कैमूर कैमूर
मुंगेर किला मुंगेर
चिरांद पुरास्थल सारण
ताराडीह बोधगया
निशान सिंह स्मारक रोहतास
अपसढ़ गढ़ व वराह प्रतिमा नवादा
पार्वती पहाड़ नवादा
जार्ज ऑरवेल की जन्मस्थली मोतिहारी
टेकारी किला गया
अहिल्या स्थान दरभंगा
तेल्हाड़ा नालंदा
सोफा मंदिर बेतिया
मॉरिशन बिल्डिंग पटना
लॉर्ड मिंटो टावर जमुई
हरेश्वरनाथ मंदिर मधुबनी
राजा भोज का किला नवरतन गढ़, बक्सर
लारी अरवल
कोटेश्वर धाम गया
लाली पहाड़ी लखीसराय
सतसंडा पहाड़ लखीसराय
घोषीकुंडी पहाड़ लखीसराय
बिछवे पहाड़ लखीसराय
लय लखीसराय
क्या कहते हैं विरासत के जानकार?
बिहार के कण कण में विरासत भरे पड़े हैं. बिहार म्यूजियम प्रदेशवासियों के साथ ही देश भर के लोगों को यहां के विरासत से परिचित करा रहा है. हम न केवल म्यूजियम में विरासत का संरक्षण कर रहे हैं बल्कि नयी पीढ़ी को मनोरंजन के साथ ही पुरानी चीजों की प्रतिकृति के जरिये अवगत करा रहें हैं.
-युसूफ, निदेशक, बिहार म्यूजियम
A Pilgrim @Bodhgaya |
-मणिता पांडे, सचिव, हेरिटेज सोसाइटी
Shanti stupa, Rajgir |
-शिव कुमार मिश्र, निदेशक, बिहार रिसर्च सोसाइटी
Mahaveer Mandir, Patna |
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