-कुछ महापुरुषों के नाम पर संग्रहालय तो कुछ विभाग विशेष के हैं मौजूद
रविशंकर उपाध्याय4पटना.
पटना में कई विशेष संग्रहालय हैं. क्या आपने उसका अवलोकन किया है? क्या आपने महान विभूतियों और हस्तियों से जुड़ी सामग्रियों को नजदीक से देखा है? क्या आपको पता है कि कर्पूरी ठाकुर जी कौन से ब्रांड की कलाई घड़ी पहनते थे? क्या आपको यह मालूम है कि सूरज नारायण सिंह को रूस से उपहार में कितनी अनमोल चीजें मिली थी? क्या आपको यह जानकारी है या नहीं कि बुद्ध स्मृति पार्क में एक ऐसा संग्रहालय है जहां महापंडित राहुल सांकृत्यायन की बुद्ध से जुड़ी पेंटिंग मौजूद हैं? आपको पता है किसान आंदोलन के प्रणेता स्वामी सहजानंद सरस्वती के आश्रम में ही उनकी समाधि मौजूद है? यदि आपको इन सब चीजों की जानकारी नहीं है तो आप यह जानिए कि पटना में आपने ऐसे कई संग्रहालय नहीं देखे हैं जो आपको देखना चाहिए. यह इस वजह से भी देखना चाहिए क्योंकि आपको उससे एक मुकम्मल इतिहास की जानकारी मिल सकेगी. ये संग्रहालय आपको इस वजह से भी जाना चाहिए क्योंकि यहां जाने में आपको कोई विशेष खर्च नहीं करना पड़ेगा और यहां आपको इस कारण से भी जाना चाहिए ताकि आप अनसंग हीरोज के जीवन को और निकट से जान सकें. प्रभात खबर आपको इन्हीं संग्रहालयों को और नजदीक से जानने का मौका इस रिपोर्ट से दे रहा है.
बुद्ध स्मृति पार्क संग्रहालय:
महात्मा बुद्ध से जुड़ी प्रतिकृतियां देखने के लिए पहुंचे भगवान बुद्ध की 2550 वीं जयती के अवसर पर पटना जंक्शन के पास बुद्ध स्मृति पार्क के निर्माण का निर्णय लिया गया था. उस समय विपश्यना केंद्र के साथ ही यहां पर भगवान बुद्ध की स्मृति में एक संग्रहालय का भी निर्माण किया गया था. बुद्ध स्मृति पार्क संग्रहालय में भगवान बुद्ध के स्टोन स्कल्पचर की दर्जनों प्रतिकृति बनी हुई है इसके साथ ही राहुल सांकृत्यायन की बुद्ध से जुड़ी पेंटिंग भी लगायी गयी है, जो दुर्लभ है. बुद्ध स्मृति पार्क स्थित पाटलीपुत्र करूणा स्तुप में छह देशों से प्राप्त अवशेष रखे गये हैं. पार्क में भगवान बुद्ध की प्रतिमा भी स्थापित की गयी है. यहां पर पूर्व में बोधगया का बोधि वृक्ष तथा श्रीलंका के अनुराधा पुरम से लाया गया बोधिवृक्ष लगाया गया था. श्रावस्ती से लाई गई आनंद बोधि वृक्ष का भी रोपण किया गया है. इन सबों को देखने के लिए आप इस संग्रहालय में पहुंच सकते हैं.
कर्पूरी संग्रहालय: कर्पूरी जी से जुड़ी सभी सामग्री देखने के लिए जाएं
जननायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर 1991 में बना कर्पूरी संग्रहालय आज उनके सपनों और आदर्शों की मिसाल पेश कर रहा है. राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के ठीक बगल में खड़ा बंगला कभी जननायक कर्पूरी ठाकुर का सरकारी आवास हुआ करता था. जहां अपने जीवन की सांध्य बेला गुजारने के बाद कर्पूरी ठाकुर ने अंतिम सांसें ली थी. बाद में कर्पूरी ठाकुर के इस आवास को कर्पूरी संग्रहालय बना दिया गया. कला संस्कृति व युवा विभाग ने यहां पर कर्पूरी संग्रहालय में वह सारी सामग्री रखी है जिससे आपको कर्पूरी जी की सादगी वाली जीवनशैली का पता चल सकेगा. सिंगल बेड पर सोने वाले कर्पूरी जी किस प्रकार पटना के नाला रोड स्थित दुकान का चश्मा पहना करते थे. कर्पूरी ठाकुर ने अपने जीवन में कई सामाजिक आंदोलनों को नेतृत्व किया. बिहार में पहली बाहर नशाबंदी करने की हिम्मत दिखाई. सरकारी नौकरियों में पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू किया.
शहीद सूरज सिंह और बृजबिहारी सिंह की स्मृति को करें याद
स्वामी सहजानंद सरस्वती से जुड़ी स्मृतियों को साझा करने के लिए जाएं सीताराम आश्रम
बिहटा स्थित सीताराम आश्रम 1927 से ही किसान सभा, पहले पटना पश्चिमी किसान सभा फिर बिहार प्रांतीय किसान सभा और बाद में अखिल भारतीय किसान सभा का 1936 से 1944 तक प्रधान कार्यालय था. ' सीताराम आश्रम' में देश के बड़े-बड़े नेताओं का आना-जाना लगा रहता था. स्वामी सहजानंद सरस्वती की समाधि भी यहीं है. किसान आंदोलन के अलावा यह आश्रम स्वाधीनता आंदोलन का भी प्रधान केंद्र रहा है. आज यहां स्वामी सहजानंद सरस्वती के निजी इस्तेमाल की सामग्रियां जैसे चश्मा, छड़ी, उनकी डायरी, उनके द्वारा तथा उनको लिखी गयी चिट्ठियां सहित किसान आंदोलन के कार्यकर्ताओं के साथ उनके संवाद के सैकड़ों दस्तावेज़ उपलब्ध हैं. इसे देखने के लिए आप ग्रेटर पटना के बिहटा का रूख कर सकते हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी?
बुद्ध स्मृति पार्क, कर्पूरी संग्रहालय, बृजबिहारी स्मृति संग्रहालय और शहीद सूरज नारायण सिंह का संग्रहालय बेहद खास है. भगवान बुद्ध से जुड़ी चीजों की प्रतिकृति के लिए बुद्ध स्मृति पार्क में स्थित संग्रहालय को हमने खास तौर पर बेहतर बनाया है जिसमें लोग आते भी हैं लेकिन कर्पूरी संग्रहालय, बृजबिहारी स्मृति संग्रहालय और शहीद सूरज नारायण सिंह का संग्रहालय देखने काफी कम लोग आते हैं. जबकि यहां सीखने को काफी कुछ है. इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं कि इन सभी जगहों पर कुछ कोर्स शुरू किया जाये और वहां कैंटीन के साथ ही थीम पार्क और एलइडी आदि लगायी जाये. इसके लिए विभागीय स्तर पर योजना तैयार कर ली गयी है. अब इसे औपचारिक सहमति मिलते ही काम शुरू कर दिया जायेगा.
-डॉ एससी चुन्नी, संग्रहालयाध्यक्ष, चारों संग्रहालयों के संयुक्त प्रभारी
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