तेजप्रताप यादव की सगाई के बाद बिहार में राजनैतिक वारिसों के सर पर सेहरा सजने का इंतजार

-लालू के बड़े बेटे की शादी तय होने के बाद मोस्ट इलिजबल बैचलरों की शादी का इंतजार 
-मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और रविशंकर प्रसाद के बेटों की होनी है शादी
पटना.  

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव की सगाई होने के बाद बिहार में राजनीतिक शख्सियतों के घरों में आने वाले दिनों में बैंड बाजा बारात सजने का इंतजार है. यहां की राजनीति में मोस्ट इलिजिबल बैचलरों की संख्या काफी है जो नामचीन राजनैतिक शख्सियतों के वारिस हैं. उन्हें ना केवल अपने पिता की राजनैतिक विरासत संभालनी है बल्कि उन्हें अपनी जिंदगी को भी पटरी पर लाने की जिम्मेदारी शेष है. इन सभी बैचलरों की उम्र भी हो चुकी है जिसमें दांपत्य जीवन की शुरुआत होती है और इसके साथ ही सभी अपने पिता की राजनैतिक विरासत को भी संभालेंगे. इस चर्चा को बल दिया है पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव ने, जिन्होंने अपनी शादी के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि पहले उनके बड़े भाईयों की शादी हो जाये तो वे शादी कर लेंगे. इसमें तेज प्रताप यादव के अलावे निशांत कुमार और चिराग पासवान भी शामिल हैं. इसके बाद राजनैतिक हल्कों में इन दिनों शादियों पर खूब बातें हो रही है.
सुशील मोदी ने अपने बेटे की शादी में पेश की थी नजीर
बात जब नेताओं के बेटे-बेटियों की शादी की आती है तो कह सकते हैं कि इन शादियों में वैभव अपने चरम पर होता है लेकिन बिहार के उप-मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी ने इस मामले में देश और समाज के सामने नजीर पेश की थी. 7 दिसंबर 2017 को बेटे उत्कर्ष की शादी में आम शादियों की तरह ना बैंड-बाजा था और ना ही कोई तड़क-भड़क. बिना दहेज के हुई इस शादी में करीब 1500 मेहमानों ने शिरकत की थी और शादी में खाने-पीने के स्टॉल की बजाय अंगदान को प्रोत्साहित करने वाले स्टॉल दिखायी दिये थे. जहां करीब 150 लोगों ने अपनी मौत के बाद देह दान का संकल्प लिया था. खाने के नाम पर इस शादी में सिर्फ चाय और 4 लड्डू का पैकेट दिया गया था. सुमो के बेटे की सादगीपूर्ण शादी से प्रभावित होकर बिहार के करीब 350 युवाओं ने भी ऐसे ही बिना दहेज के और सादगीपूर्ण तरीके से शादी करने का फैसला किया था. मोदी के अलावा यह शादी इसलिए भी और खास हो गयी थी क्यों कि यह एक बड़े नेता के बेटे की सादगी से हुई शादी थी. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत जैसे देश में राजनेताओं को काफी लोग फॉलो करते हैं, ऐसे में यदि देश के राजनेता इसी तरह सुशील मोदी की तरह दहेज प्रथा के खात्मे के लिए समाज के सामने उदाहरण पेश किया था.

ये हैं मोस्ट इलिजिबल बैचलर: -
निशांत कुमार, सीएम नीतीश कुमार के पुत्र :
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत बीआईटी मेसरा से ग्रेजुएट हैं, उन्होंने पिता की तरह बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की पढाई की हैं लेकिन वो राजनीति से दूर रहते हैं. इसी कारण वो कभी नीतीश के साथ नजर नहीं आते हैं. निशांत के पास अपने पापा से ज्यादा पैसा और संपत्ति है और इसी कारण वो नीतीश से ज्यादा धनी हैं. इस बात का खुलासा साल 2012 में उस समय हुआ था जब अपनी कैबिनेट के साथ आय से जुड़ी जानकारियों का खुलासा किया था.
-तेजस्वी यादव, लालू के छोटे बेटे :
तेजस्वी प्रसाद यादव का जन्म 9 नवंबर 1989 को पटना में हुआ था. पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबडी देवी के नौ संतानों में से एक तेजस्वी की पढ़ाई डेल्ही पब्लिक स्कूल मथुरा रोड दिल्ली से हुई है. चुनावी हलफनामे के अनुसार उन्होंने कक्षा 9 तक पढ़ाई की है और 2015 से जुलाई 2017 तक वे बिहार के डिप्टी सीएम थे. उन्हें आईपीएल में खेलने के लिए देल्ही डेयरडेविल्स ने 2008, 2009, 2011 और 2012 में खरीदा था. वह लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं और बिहार के 2020 में होने वाले चुनाव में राजद की ओर से घोषित सीएम के उम्मीदवार भी हैं.
-चिराग पासवान, रामविलास पासवान के पुत्र:
चिराग पासवान सिनेमा की ग्लैमरस दुनिया से राजनीति में आये हैं. 31 अक्टूबर 1982 को उनका जन्म हुआ था. कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने वाले चिराग पासवान एक फैशन डिजाइनर भी हैं. लेकिन उन्होंने फिल्म में अभिनय की दुनिया में भी हाथ आजमाया है. 2011 में आई फिल्म 'मिले ना मिले हम' से चिराग पासवान ने अपने फिल्मी करियर का आगाज किया था. अाज चिराग पासवान बिहार के जमुई लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं और एलजेपी के संसदीय कमेटी के प्रमुख हैं.
-आदित्य शंकर, रविशंकर प्रसाद के पुत्र:
आदित्य शंकर लॉ ग्रेजुएट हैं और अभी सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं. इसके अलावा बीजेपी युवा मोर्चा के नेशनल लीगल सेल के सह संयोजक हैं. इनके पिता रविशंकर प्रसाद ना केवल देश के जाने माने वकील हैं बल्कि राजनीतिज्ञ भी हैं. केंद्र में कानून मंत्री का पद संभाल रहे प्रसाद की राजनैतिक विरासत आदित्य शंकर इस वजह से भी संभालेंगे क्योंकि वे भाजयुमो लीगल सेल को देख रहे हैं.  

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