पटना में एक हिन्दू घूम घूम कर बुझाता है प्यास तो एक मुसलमान पानी के साथ देता है चना-गुड़

अशोक राजपथ पर मो फ़िरोज़ की दुकान पर पानी के साथ मिलता है चना और गुड़ 
- भीषण गर्मी में नि:स्वार्थ लोगों की बुझाते हैं प्यास
पटना.  
बिहार में गर्मी के दिनों में  जल संकट की कहानी किसी से छुपी हुई नहीं है. गंगा के दक्षिण और पुनपुन के उत्तर स्थित पटना शहर के नीचे सोन नदी की प्राचीन धारा है और इसके अधिकांश भूगर्भीय जल कुंडों का संपर्क सोन नदी से है. लेकिन हर वर्ष गर्मी आते ही यहां पानी की मारामारी आरंभ होती है. पानी की कमी और गंदे पानी की सप्लाई को लेकर अक्सर इस या उस मुहल्ले में हाहाकार मचता है. पानी की अव्यवस्था, आपूर्ति की व्यवस्था और प्रशासनिक कुव्यवस्था का जायजा लेना राजधानी में दिलचस्प है. इसी कारण राजधानी में पानी का कारोबार करोड़ों का है. कुछ लोग पानी के बोतल बेच कर चांदी कूट रहे हैं और आम लोग एक ग्लास साफ पानी के लिए दुकानों पर जेब ढ़ीली करते नजर आ जाते हैं. ऐसे में पटना में एक मुस्लमान ऐसा भी है जो साल के 365 दिन मुफ्त में पीने का साफ पानी तो देता ही है उसके साथ चना और गुड़ भी मुहैया कराता है तो एक हिन्दू ऐसा है जो गर्मी के दिनों में घूम घूम कर साफ पानी जल रथ के जरिये पिलाता है.
साल के 365 दिन मिलता है साफ पानी और चना गुड़ 
पटना में मो फिरोज साल के 365 दिन सुबह सात बजे से लेकर रात दस बजे तक आमलोगों को नि:स्वार्थ रूप से साफ पानी पिलाते हैं और चना गुड़ भी खिलाते हैं. अशोक राजपथ पर उनके द्वारा घड़े का शीतल पेयजल मुफ्त पिलाया जाता है और चना व गुड़ भी देते हैं. वे आइने की दुकान लगाते हैं और यह सामाजिक काम करते हैं.  परिवार के सभी सदस्य उनका साथ हंसी खुशी से साथ देते आ रहे हैं. वे जाड़ा हो या गर्मी या फिर बरसात. प्याऊ लगाने की समाजसेवा के जज्बे को पूरा करने के लिए कारोबार के बाद समय निकालते हैं. उनकी अनुपस्थिति में परिवार के सदस्य इस कार्य को संभालते थे. उन्होंने बताया कि समय मिलने के बाद से पूरा समय समाजसेवा के इस कार्य में दे पा रहे हैं. उन्होंने बताया कि यहां से गुजरते वक्त कोई भी प्यासा व्यक्ति प्याऊ का ठंडा पानी पीना नहीं भूलता. कई लोग अपनी दोपहिया रोककर सवारियों के साथ साथ चालक-परिचालक भी अपनी प्यास बुझाते हैं. बाकरगंज के मो फैयाज इकबाल इनके इस जच्बे की सराहना करते हुए कहते हैं कि गर्मी में जब भी इस चौक पर आता हूं , यहां के प्याऊ का पानी जरूर पीता हूं. मो फिरोज मानते हैं कि मुझे और पूरे परिवार को गर्मी में परेशान लोगों को पानी पिलाकर बहुत आत्म संतुष्टि मिलती है, मेरा मानना है कि प्यासे को पानी पिलाना बहुत बड़ा धर्म है.
सोनू जलरथ से राजधानी में घूम घूम कर बुझाता है प्यास 
जल रथ के जरिये घूम घूम कर पिलाते हैं साफ पानी   
तपिश भरी गर्मी में पटना में आपको बेली रोड पर कहीं वह ठेला दिख जाये जिस पर बड़े-बड़े दो घड़ों में आपके लिए ठंडा पानी फ्री उपलब्ध है तो समझिए आप सोनू के ठेले पर पहुंच गये हैं. ड्राइवरों की दुनिया नामक ग्रुप की ओर से यह जल-रथ तीन सालों से चल रहा है. 30 साल के सोनू नाज कर्पूरी संग्रहालय के पीछे नवकोठिया स्लम बस्ती में रहते हैं. यहां सड़क किनारे उन्होंने हमउम्र ड्राइवरों को एकजुट करना शुरू किया और उसके जरिये यह अभियान चला रहे हैं. इसी के तरह राहगीरों को गर्मी से राहत दिलाता इनका जल रथ भी अनवरत चल रहा है.  वे रथ पर सेव वाटर और डोनेट ब्लड का मैसेज भी देते हैं. जल-रथपर पानी पीने आएं तो दो मैसेज आपको अपने संग लेकर जाना होगा. रथ पर टंगे पोस्टर पर एक तरफ लिखा है- सेव वाटर और दूसरी तरफ लिखा है डोनेट ब्लड. एक तरफ सफेद बूंद है और दूसरी तरफ लाल बूंद. जल-रथ को आकर्षक लुक देने के लिए कुश से दिल बनाया गया है. यह दिल सब को जोड़ने वाला है. यह आकर्षक लुक अपने आप में बहुत हट कर है. वाहन चालकों के इस ग्रुप की यह सोच भी लोगों को आकर्षित करती है. 

Comments

  1. बेहद खूबसूरत एवं सार्थक खबर.......:)

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