साइबर क्राइम के फंदे में हर आम ओ खास, यदि बचना है तो रहें होशियार


 -डेबिट कार्ड आेटीपी साथ में लेकिन हो गयी हजारों की निकासी, किसी के क्रेडिट कार्ड में हुआ फर्जीवाड़ा
-यदि आपके पास हैं सारे सुबूत तो बैंक भरेगी हर्जाना, आरबीआई की है गाइड लाइन
रविशंकर उपाध्याय, पटना

केस- 1:
एक मीडिया कंपनी में काम करने वाले अरुण सिंह का खाता देश के सबसे बड़े बैंक में है. मंगलवार को उनकी जेब में ही उनका एटीएम कार्ड था. अचानक एक एसएमएस आता है कि 21 हजार रुपये किसी होटल में बुकिंग के लिए खर्च करने को ओटीपी भेज दिया गया है. उन्होंने ना तो कोई बुकिंग करायी और ना ही उन्होंने किसी से ओटीपी शेयर किया. इसके बाद भी राशि उनके बैंक खाते से काट ली गयी. उन्होंने परेशान होकर अभी थाने में साइबर धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है. इस दौरान जांच में पता चला है कि उनके खाते से राशि हंगरी के किसी होटल की बुकिंग में इस्तेमाल कर ली गयी है.
केस-2:
इसी तरह साधना एक निजी कंपनी में कर्मचारी हैं. उनके प्राइवेट बैंक के क्रेडिट कार्ड से इसी सप्ताह 25 हजार रुपये की खरीददारी किसी शॉपिंग साइट से कर ली गयी है. जबकि उनके पास ना केवल कार्ड है बल्कि उन्होंने ओटीपी भी शेयर नहीं किया है. जब उन्हें एसएमएस आया कि इतने बल्क में शॉपिंग कर ली गयी तो उनके होश उड़ गये क्योंकि मोबाइल भी उनके पास में है और इसके साथ ही ओटीपी भी शेयर नहीं किया गया. यह शॉपिंग उनकी नोएडा की किसी शाखा में की गयी है. वह भी परेशान हैं, साइबर सेल के बाद उन्होंने भी थाने में अपनी शिकायत दर्ज करायी है. ये दोनों केस नये तरह के हैं जिससे इंटरनेट बैंकिंग और वन टाइम पासवर्ड बैंकिंग को सेफ समझने वालों के होश उड़ाने को काफी हैं. अब तक ऐसे मामले सामने आते थे कि किसी ने फोन पर पासवर्ड लिया और बैकिंग कर ली तो इसमें लापरवाही समझ में आती थी लेकिन ऐसे में फर्जीवाड़ा हो जाये तो आम आदमी करे तो क्या करे. अब आप समझिए कि आपके पास फोन भी है, पासवर्ड भी है और कोई दूसरा आपके कार्ड से बैंकिंग कर ले जा रहा है. अब आप क्या करियेगा? इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गाइडलाइन बना कर रखी है जिसमें आप हर्जाना बैंक से मांग सकते हैं. फर्जीवाड़ा हो तो क्या करें?
तीन दिनों के भीतर दीजिए जानकारी बैंक करेगा भुगतान
अगर आपकी जानकारी और अनुमति के बगैर नेट बैंकिंग के जरिये आपके खाते से पैसे कट जाते है तो तीन दिन के भीतर इसकी जानकारी बैंकिंग सेवा को देने पर आपको नुकसान नहीं होगा. भारतीय रिजर्व बैंकिंग सेवा के अनुसार ऐसी स्थिति में आपके खाते में फ्रॉड के चलते निकाली गई रकम दस दिन के भीतर वापस जमा कर दी जायेगी. रिजर्व बैंकिंग सेवा का कहना है कि अगर ग्राहक अनधिकृत रूप से निकाली गई राशि की जानकारी चार से सात दिन के भीतर देता है तो बैंक की खुद की जिम्मेदारी होगी बशर्ते यह राशि 25000 रुपये तक हो. इससे ज्यादा नुकसान की भरपाई बैंकिंग सेवा करेंगे. लेकिन ग्राहक की लापरवाही जैसे अपने खाते की जानकारी किसी दूसरे को बताने के कारण नुकसान होता है तो इसका नुकसान उसे खुद उठाना पड़ेगा.
क्या कहती है गाइडलाइन? खाते का प्रकार®अधिकतम जवाबदेही
बीएसबीडी खाते जैसे: जनधन खाते, जीरो बैलेंस खाते ® रु 5000/
अन्य बचत खाते, 5 लाख तक की सीमा वाले क्रेडिट कार्ड आदि ® रु 10000/-
अन्य सभी वर्तमान / नकद ऋण / ओवरड्राफ्ट खाते® रु 25000/-
ये भी जानिये: सात दिनों के बाद जानकारी देने पर निदेशक लेंगे फैसला
सात दिन के बाद जानकारी देने पर बैंकिंग सेवा के निदेशक मंडल खुद अपनी नीति बनाएंगे. इसी के अनुसार जिम्मेदारी तय होगी. आरबीआई ने कहा है कि अगर बैंकिंग सेवा की गलती यानी फ्रॉड, लापरवाही या गड़बड़ी के चलते नुकसान होता है तो भी बैंक द्वारा ग्राहक को भरपाई करनी होगी. इस मामले में यह शर्त भी लागू नहीं होगी कि ग्राहक ने इसकी जानकारी दी है या नहीं. आरबीआई ने कहा है कि बचत खाते में ग्राहकों की अधिकतम जिम्मेदारी दस हजार रुपये की होगी. आरबीआई ने कहा है कि बैंकों को ग्राहकों को अनिवार्य रूप से एसएमएस अलर्ट के लिए रजिस्टर्ड करना चाहिए और ईमेल पर भी अलर्ट भेजना चाहिए.
जानिए क्या रखें सुरक्षा?
-अपने कार्ड का इस्तेमाल सुरक्षा पूर्वक करें.
-पेट्रोल पंपों, परचून की दुकानों, भीड़ भाड़ इलाके के एटीएम का प्रयोग ना करें
-भुगतान के लिए ज्यादातर चेक का करें इस्तेमाल
-एंड्रॉयड फोन पर मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल ना करें
-पर्सनल कंप्यूटर पर एंटी वायरस का करें प्रयोग
किन पर है विशेष नजर?
-घरेलू और कम पढ़ी लिखी महिला
-बुजुर्ग और रिटायर्ड कर्मचारी
-कम उम्र के बैंक खाता धारक
-ज्यादा ई-शाॅपिंग करने वाले ग्राहक
क्या कहते हैं बिहार साइबर सेल के अधिकारी? 
बिहार के साइबर सेल के एएसपी सुशील कुमार कहते हैं कि बैंकिंग में कई प्रकार की धोखाधड़ी सामने आ रही है. इससे हम निबटने के लिए जागरूकता अभियान चला रहे हैं. लोगों को यह जानना चाहिए कि यदि आपने कोई गलती नहीं कि है तो बैंक मुआवजा भरेगा. रिजर्व बैंक के अनुसार अनधिकृत लेनदेन की जानकारी देने के बाद अगर कोई नुकसान होता है तो इसकी जिम्मेदारी बैंकिंग सेवा प्रदाता यानी संबंधित बैंक की तय की गयी है. खाते और कार्ड के अनधिकृत लेनदेन से पैसा कटने की शिकायतें बढ़ने के बाद आरबीआई ने इससे संबंधित दिशानिर्देश जारी किये हैं. अगर बैंक या ग्राहक की गलती से नहीं बल्कि सिस्टम में कहीं गड़बड़ी होने के कारण नुकसान होता है तो भी ग्राहकों की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. ऐसी स्थिति में पूरी राशि उन्हें वापस मिल जाएगी. आम लोग जागरूक रहें और अपनी शिकायत दर्ज कराएं.

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