बिहार: पासपोर्ट वेरिफिकेशन में किशनगंज पुलिस को लगते हैं केवल 13 दिन, अरवल पुलिस लगा देती है पांच महीने
-पासपोर्ट वेरिफिकेशन में बिहार में औसतन एक महीने से ज्यादा लगते हैं
-अरवल-खगड़िया-भभुआ पुलिस सबसे सुस्त, तीन से पांच महीने लगते हैं, पटना पुलिस को भी लगते हैं तीस दिन
पटना.
बिहार में यदि आप पासपोर्ट बनाना चाहते हैं तो आपको ज्यादा समय लगता है. इसका कारण बिहार पुलिस की सुस्ती है. पासपोर्ट विभाग समय से वेरिफिकेशन के लिए पुलिस के पास डॉक्यूमेंट भेजता है लेकिन पुलिस इसे एप्रूव करने में काफी देर लगाती है.
पासपोर्ट वेरिफिकेशन के अांकड़े पिछले ही सप्ताह विदेश मंत्रालय ने जारी किये हैं. इसमें यह तथ्य सामने आये हैं. वेरिफिकेशन में अरवल, खगड़िया और भभुआ पुलिस सबसे फिसड्डी है. इन तीनों जिले की पुलिस को चार से लेकर पांच महीने वेरिफाई करने में लगते हैं. पूरे भारत में भी इतने दिन पुलिस वेरिफिकेशन में नहीं लगते हैं जितने इन तीन जिलों के पुलिसकर्मी समय लगाते हैं. पुलिस वेरिफिकेशन में जितना देर होता है उतनी देरी पासपोर्ट बनने में होती है. इसके कारण पूरे बिहार का रिकॉर्ड खराब होता है. अरवल को सबसे ज्यादा 152 दिन, खगड़िया अौर भभुआ को क्रमश: 143 और 102 दिनों का वक्त लगता है. पटना जिले को भी पुलिस वेरिफिकेशन करने में तीस दिनों का वक्त लग जाता है. जबकि कई बड़े जिले अच्छा काम कर रहे हैं.
सबसे अच्छा काम कर रही किशनगंज, पूर्णिया और समस्तीपुर पुलिस
पासपोर्ट वेरिफिकेशन में अव्वल जिलों में किशनगंज, पूर्णिया और समस्तीपुर पुलिस शामिल है. इन तीनों जिले की पुलिस को पासपोर्ट के लिए वेरिफाई करने में केवल 13 से 15 दिन लगते हैं. पूरे भारत में पुलिस वेरिफिकेशन में यह काफी बेहतर रिकार्ड है. पुलिस वेरिफिकेशन में जितनी जल्दी होती है उतनी ही जल्दी पासपोर्ट भी मिल जाता है. किशनगंज व पूर्णिया को 13-13 दिन और समस्तीपुर पुलिस को केवल 15 दिन इस काम में लगते हैं.
जानिए: ऐसे होता है पासपोर्ट वेरिफिकेशन
ऑनलाइन आवेदन करने के बाद फार्म पासपोर्ट सेवा केन्द्र में जमा करना पड़ता है. इसके बाद पासपोर्ट ऑफिस से ऑनलाइन पासपोर्ट वेरिफकेशन के लिए संबंधित कागजात एसपी कार्यालय भेजा जाता है. एसपी कार्यालय से वही कागजात स्थानीय थाने को डाक के जरिए भेजा जाता है. पासपोर्ट वेरिफिकेशन का काम थाने के दारोगा को दिया जाता है. दारोगा आवेदक के घर पर जाकर सत्यता की जांच करता है. इसके बाद सत्यता संबंधित कागजात एसपी कार्यालय को भेज दिया जाता है. इस काम में ही सबसे अधिक समय लगता है.
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