
-हज की सरकारी यात्रा में बिहारी हजयात्रियों की दिलचस्पी नहीं, कोटा बढ़ाने के बाद भी नहीं बढ़ रहे थे हज यात्री
-साल दर साल लगातार घट रहे हैं आंकड़े, पांच वर्षों के आंकड़े बयां कर रहे हैं हकीकत
रविशंकर उपाध्याय, पटना
हज सब्सिडी को बंद करने को लेकर केंद्र सरकार ने भले अभी फैसला किया लेकिन बिहार के हज यात्रियों ने काफी पहले हज सब्सिडी को ना कर दिया था. पिछले पांच सालों में लगातार आंकड़े गिरते गये यानी कम पैसे पर हज की यात्रा करने में बिहार के मुस्लिम जायरीनों ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी. सब्सिडी बंद करने संबंधी केंद्र सरकार के फैसले के बीच जब हमने आंकड़ों की तफ्तीश की तो पता चला कि है कि बिहार से हजयात्रियों की संख्या में साल दर साल गिरावट आ रही है, जबकि हज जाने के इच्छुक बिहार के लोगों के लिए केंद्र सरकार ने कोटा भी बढ़ाया हुआ है. इसके बावजूद कोई खास अंतर नहीं आ सका. ताजा स्थिति यह है कि कोटे की आधी संख्या में भी हजयात्री जाने को तैयार नहीं हुए हैं. फिलहाल आंकड़े इसी हकीकत को बयां कर रहे हैं. उसमें हज जाने वाले बिहार के जायरीनों की संख्या निरंतर घटती जा रही है.
कई वजहों से कम हो रही है जायरीनों की संख्या
बिहार स्टेट हज कमेटी के चेयरमैन हाजी इलियास हुसैन उर्फ सोनू बाबू कहते हैं कि बिहार में कभी कोटे की निर्धारित सीटें नहीं पूरी हुईं. जायरीनों की कम संख्या होने के कई कारण हैं. हमारे राज्य के लिए केंद्र सरकार का अल्पसंख्यक कल्याण विभाग हमेशा ज्यादा सीटें निर्धारित करता रहा है. इसकी वजह से हमें ज्यादा सीटें मिलती हैं. इसके साथ ही हमारे राज्य में एक उम्र के बाद हज पर जाने का फर्ज निभाने की परंपरा है, इस वजह से भी दिलचस्पी कम दिखाई देती है. वैसे इस साल आंकड़ों में ज्यादा कमी इस वजह से दिखाई दे रही है, क्योंकि जनवरी के बजाय 15 नवंबर से ही आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गयी. पासपोर्ट बनाने में भी देर हुई. इसके कारण कम हाजी जायेंगे.
क्या यह था कारण?: सब्सिडी लगातार घटने के कारण भी हुई परेशानी
मुस्लिम मुद्दों पर अध्ययन करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मिन्नत रहमानी कहते हैं कि हज पर जाने में काफी खर्च है. हज की सब्सिडी लगातार कम होने के कारण जायरीनों की संख्या में लगातार कमी आती जा रही है. विगत 15 वर्षों में रोजगार में बढ़ोतरी नहीं होना भी एक बड़ा कारण रहा.
किस साल कितने हाजी बिहार से गये?
साल-कोटा- यात्री
2012 11320 6189 यात्री
2013 11817 6180 यात्री
2014 9334 6251 यात्री
2015 9334 7476 यात्री
2016 9589 6553 यात्री
2017 12125 6487 यात्री
2018 12125 5147 यात्री- निबंधित
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