पीएनबी के लिए आगे कुआं पीछे खाई: आरबीआई ने पीएनबी को कह दिया गारंटी पत्र दिया तो अब पैसे भी दो और बैंक ने पैसे चुकाए तो एक चौथाई कम हो जाएगी संपत्ति

पीएनबी फ्रॉड की सीख: अब किसी का गारंटर मत बनना 
रविशंकर उपाध्याय, पटना 
पंजाब नेशनल बैंक फ्रॉड मामले से एक बार फिर से सीख मिली है कि किसी का गारंटर मत बनना. नीरव मोदी का गारंटर बनकर पीएनबी इस तरह फंस गया है कि उसकी अब एक चौथाई हैसियत हो जाएगी. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को सलाह दी है कि वह गारंटी पत्र (एलओयू) के एवज में किए जाने वाले बैंकों के दावों का भुगतान करे. इसके साथ ही आरबीआई ने पीएनबी से 2011 से लेकर अब तक इस मामले का पूरा विवरण मांगा है.  एलओयू के माध्यम से करीब 114 अरब रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद स्थिति को संभालने के लिए आरबीआई आगे आया और सभी कर्जदाताओं को ऐसे एलओयू की सख्त निगरानी करने को कहा है. आरबीआई ने बैंकों से कहा कि इस तरह के पत्र जारी करते समय पूरी जांच-पड़ताल की जाए. मुंबई में सार्वजनिक बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा कि आरबीआई ने पीएनबी से कहा है कि वह एलओयू से संबंधित सभी तरह की देनदारियों को अदा करे.
अगर धोखाधड़ी की पूरी रकम एनपीए हुई तो भी एक चौथाई कम होगी हैसियत
कुछ विश्लेषकों ने कहा, अगर धोखाधड़ी वाली पूरी रकम एनपीए बन जाती है तो बैंक की अनुमानित 480 अरब रुपये की हैसियत पर 25 फीसदी तक का असर पड़ सकता है. बैंक ने हालांकि कहा कि ऐसे लेनदेन की प्रकृति आकस्मिक है. ऐसे में जो रकम वास्तविक देनदारी बनेगी उसके आधार पर बैंक को अतिरिक्त प्रावधान करना होगा. यह घटनाक्रम मार्च 2018 की तिमाही में बैंक की संपत्ति की गुणवत्ता को भी प्रभावित करेगा. बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट कहती है कि पीएनबी के अलावा अन्य बैंकों का भी नीरव मोदी की कंपनियों में पैसा फंसा हुआ है. इलाहाबाद बैंक का करीब 40 अरब रुपये फंसा है, वहीं ऐक्सिस बैंक का 30 अरब रुपये और यूनियन बैंक का 20 अरब रुपये अटका है और बाकी रकम भारतीय स्टेट बैंक की है. इस लेनदेन का मूल्य 113.6 अरब रुपये है.

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