लालू के भविष्य पर राहु-शनि का प्रकोप, केतु पराक्रम को बनाए रखेगा, राहु को शांत कर लें तो मिल जाएगी जमानत
-शत्रुमारण यज्ञ दिलाएगा लालू को जेल के संकट से त्राण!
-लालू की कुंडली कहती है कि सबकुछ खत्म नहीं हुआ, उनके अच्छे दिन आने वाले हैं
-2013 में लालू को चाइबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने पांच साल की दी थी सजा तो लालू के लिए मां छिन्न मस्तिके धाम में हुआ था शत्रुमारण यज्ञ व हवन, इसके बाद मिल गयी थी जमानत
रविशंकर उपाध्याय, पटना
चारा घोटाले में साढ़े तीन साल सजा होने के कारण राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके समर्थकों की नजरें अब रांची हाईकोर्ट की ओर टिक गयी है. शनिवार को सीबीआई के स्पेशल कोर्ट द्वारा सजा का ऐलान होने के बाद अब लालू के पास जमानत के लिए हाइकोर्ट जाने का ऑप्शन बचा है और इधर ज्योतिषियों की नजर में ग्रह नक्षत्रों के संयोगों पर उनका बेहतर भविष्य टिका हुआ है. खरमास के बाद यानी 14 जनवरी के बाद लालू के लिए स्थिति अनुकूल है. इसके बाद शनि एकादश भाव में आ जाएगा और काफी मदद करेगा. इसके साथ ही राहु भी छठे भाव में बैठा है जो शांत होने पर मदद देगा. ज्योतिषियों के मुताबिक यदि लालू प्रसाद शत्रु मारण यज्ञ कराएं तो उन्हें संकटों से त्राण मिल सकता है. इस यज्ञ में राहु को तंत्र पूजा से शांत किया जाता है. किसी तंत्र पूजा के विख्यात स्थान पर ऊं राह राहवे नम: के हवन जाप से उनको जल्द जमानत मिल सकती है.
2013 में छिन्न मस्तिके परिसर में हवन पूजन के बाद मिल गयी थी जमानत
ज्योतिषियों का कहना है कि 2013 में लालू को चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी के मामले में सीबीआई कोर्ट ने पांच साल की सजा दी थी और हाइकोर्ट में अपील के बाद जमानत मिल गयी थी उसी प्रकार इस बार देवघर कोषागार से निकासी के मामले में भी जमानत मिल सकती है. 2013 में नवरात्र के दौरान झारखंड के प्रसिद्ध छिन्न मस्तिके मंदिर में पूजा करने वाले असीम पंडा कहते हैं कि लालू के लिए मंगल ग्रह के लिए हवन पूजन किया गया था. इसके बाद उनके लिए स्थितियां अनुकूल हो गयी.
क्या कहती है लालू की कुंडली?
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं श्रीपति त्रिपाठी कहते हैं कि लालू यादव का जन्म दोपहर 12 बजे जून के महीने में गोपालगंज में हुआ बताया गया है. उसके हिसाब से लालू यादव की कुंडली सिंह लग्न की कुंडली है और लालू की राशि कुंभ है. उन्होंने कहा कि लालू की राशि पर शुक्र के साथ ही राहु की भी महा दशा है. इस कारण राहु के लिए शांति पाठ बेहद आवश्यक है. इसके साथ ही शुक्र ग्रह का प्रतिकूल प्रभाव है. इन दोनों राशियों के योग का बहुत महत्व है और जब यह एक साथ आते हैं, तो जातक के जीवन में बड़ा प्रभाव पड़ता है. राहु के लिए महामृत्युंजय और शुक्र के लिए दुर्गा सप्तशति पाठ करा लें तो स्थिति सुधर जायेगी. सूर्य की उपासना भी करें.
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