बिहार में गंगा में सालाना एक लाख एमएलडी से ज्यादा बहाया जा रहा गंदा पानी


 -नमामि गंगे योजना में लेटलतीफी गंगा की सेहत पर पड़ रहा भारी
-राज्य भर में 330 एमएलडी गंदा पानी जा रहा है गंगा में
रविशंकर उपाध्याय, पटना

नमामि गंगे योजना के जरिए गंगा को साफ सुथरा बनाने की मुहिम कागजी साबित हो रही है. समूचे बिहार में सालाना एक लाख एमएलडी से ज्यादा सीवेज का पानी सीधे गंगा में बहाया जा रहा है. जिसके चलते गंगा और मैली होती जा रही है. नमामि गंगे योजना के तहत बनाये जा रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की योजनाओं को पूरा होने में कम से कम एक से डेढ़ साल और लगेंगे. तब तक गंगा का पानी और गंदा होता रहेगा. आंकड़े बयान करते हैं कि हर साल दस फीसदी की दर से सीवरेज में बढ़ोत्तरी हो रही है. जब राज्य में चल रहे एसटीपी योजनाओं की पड़ताल की तो पता चला कि योजना पर काम चल रहा है

 पटना में रोज 220 एमएलडी गिर रहा है गंदा पानी
पटना शहर की आबादी फिलहाल 17 लाख के आसपास है. वर्तमान में इस शहर में 220 एमएलडी सीवरेज का सृजन होता है. वहीं पूरे प्रदेश में 330 एमएलडी से ज्यादा गंदा पानी सीधे गंगा में गिरता है. वर्ष 2035 तक सीवरेज का भार बढ़ कर रोजाना 550 एमएलडी हो जाने का अनुमान है. मौजूदा सीवरेज 330 की तुलना में उसके शोधन की मौजूदा क्षमता केवल 109 एमएलडी ही है, लेकिन मौजूदा एसटीपी की निर्धारित समयावधि भी पूरी हो चुकी है .उसी उपयोगिता तकरीबन शून्य है. पटना शहर में 15 प्रमुख नाले भी हैं, जिनका गंदा पानी सीधे गंगा नदी में प्रवाहित होता है.
538 एमएलडी गंदे पानी को साफ कर गंगा में प्रवाहित किया जायेगा
बिहार में नमामि गंगे की योजना के तहत 538 एमएलडी गंदे पानी को साफ बनाकर गंगा में प्रवाहित किया जायेगा. ज्यादा क्षमता इस कारण रखी गयी है क्योंकि 2035 तक जो सीवरेज बढ़ने की स्थिति होगी उसका ट्रीटमेंट किया जायेगा. बिहार अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट काॅरपाेरेशन यानी बुडको को बिहार में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम दिया गया है.
यहां बन रहा इतने क्षमता का एसटीपी:
भागलपुर: 65 एमएलडी
सुलतानगंज: 10 एमएलडी
मुंगेर: 30 एमएलडी
बेगूसराय: 17 एमएलडी
हाजीपुर: 22 एमएलडी
नौगछिया: 09 एमएलडी
बक्सर: 16 एमएलडी
बेउर: 43 एमएलडी
सैदपुर: 60 एमएलडी
पहाड़ी: 60 एमएलडी
करमलीचक: 37 एमएलडी
दीघा: 100 एमएलडी
कंकड़बाग: 50 एमएलडी
मोकामा: 08 एमएलडी
बाढ़: 11 एमएलडी
क्या कहते हैं जिम्मेवार?
बुडको के एमडी अमरेंद्र कुमार सिंह कहते हैं कि सभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजनाओं पर तेजी से काम चल रहा है. हम 2019 के मध्य और अंत तक ज्यादातर एसटीपी को पूरा कर लेंगे. इसके बाद ना केवल साफ पानी गंगा में गिराया जायेगा बल्कि उस पानी से सिंचाई भी हो सकेगी. इसके बाद बिहार में सौ फीसदी साफ जल गंगा में प्रवाहित कर सकेगा.

      क्या कहते हैं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष?
जब तक सभी एसटीपी चालू नहीं हो जायेंगे तब तक गंगा का पूरी तरह निर्मल होना कठिन है. लेकिन तबतक स्थानीय नगर निगमों को हर घाट पर मैनपावर और तत्काल वैकल्पिक ट्रीटमेंट प्लांट बनाना होगा. पूजन सामग्रियों और कूड़े कचरों को भी गंगा में उड़ेलने से बचना होगा. मैं इसी महीने बोर्ड का अध्यक्ष होने के नाते इस योजना पर काम कर रहा हूं और जल्दी ही एक अल्प समयावधि के प्लान पर काम किया जायेगा.
-डॉ अशाेक घोष, अध्यक्ष, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड \\B

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