ये ऐसी राजधानी है जहां दर्जनों रूट पर पब्लिक ट्रांसपोर्ट ही नहीं


-शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की वर्तमान दशा और भावी चुनौतियों पर राउंडटेबल बैठक में पर्यावरणविदों ने दी राय, नए ट्रांसपोर्ट रूट का करें निर्धारण, सिटी बसें और ऑटो हो प्रदूषण मुक्त
पटना.
यह ऐसी राजधानी है जहां कई ऐसे रूट हैं जहां पर सार्वजनिक परिवहन की कोई व्यवस्था ही नहीं है. अब जब रूट में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की गाड़ियां ही नहीं हैं तो लोग क्या करें? निजी वाहन का प्रयोग ना करें तो क्या करें? स्टेशन से आशियाना जाना हो तो क्या करेंगे? राजीव नगर के नाला पर जाना हो तो क्या करें? दीघा के लिए क्या करें? राम कृष्णा नगर के लिए क्यों नहीं बांकीपुर से बस मिलना चाहिए? जहां हैं वहां भी प्रदूषण वाले बस-ऑटो चलते हैं, दम घुटता है. उसमें बैठने की जगह नहीं है. लो फ्लोर बसें नहीं है, खटारा हाल है. शहर में नए ट्रांसपोर्ट रूट का निर्धारण किया जाये और जो सिटी बसें और ऑटो चल रहे हैं वो प्रदूषण मुक्त हो. पटना वासी निजी वाहनों को इसलिए प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि एक बेहतर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं उपलब्ध है. इसके नहीं रहने के कारण निजी वाहन तेज और ज्यादा सुविधाजनक यातायात के साधन बन गये हैं. कुछ ऐसी ही राय पर्यावरणविदों की आयी.
मोटर वाहनों की निर्भरता की समस्या से जूझ रहा पटना
सेंट्रल फॉर इन्वॉयरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट के बैनर तले आयोजित कार्यक्रम में बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के चेयरमैन डॉ अशोक घोष ने कहा कि आज पटना के लिए सबसे बड़ी चुनौती ऑटोमोबाइल मोटर वाहनों पर निर्भरता है. हाल के वर्षों में पटना ने मोटर वाहनों की बेतहाशा संख्या, खासकर निजी वाहनों में तीव्र वृद्धि को देखा है. इस सेक्टर से उत्सर्जन में कमी लाने के लिए पटना को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साधनों तथा यातायात व्यवस्था को बढ़ाने के लिए एक आक्रामक और सक्रिय रोडमैप की जरूरत है.
हम पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अधिक इस्तेमाल करें
इस मौके पर बेंगलुरू से आये ट्रांसपोर्ट सेक्टर एक्सपर्ट रवि गाडेपल्ली ने कहा कि समय की मांग है कि शहरी इलाकों में मोटरवाहनों पर निर्भरता को कम किया जाये. हम पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर अधिकाधिक लोगों के इस्तेमाल के लिए और इसके आकार व क्षमता को तीन गुना करने के लिए पंचवर्षीय योजना पर अमल करें साथ ही इस विजन को पूरा करने के लिए एक समुचित प्रोत्साहनकारी वित्तीय प्रणाली और रेगुलेटरी मेकेनिज्म पर समय आधारित टारगेट के साथ ठोस अमल किया जाये. कार्यक्रम का संचालन सीड की सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने किया. उन्होंने कहा कि मुख्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट साधन और स्वच्छ ऊर्जा पर आधारित वैकल्पिक यातायात साधनों पर हमारा जोर होना चाहिए. मौके पर शहर के कई पर्यावरण विशेषज्ञ मौजूद रहे और उन्होंने अपनी प्रमुख राय दी.

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