बिहार-केंद्र के बीच यह प्रकरण बता रहा..यहां डबल इंजन काम नहीं कर रहा है, केंद्र बिहार के बुजुर्गों के पेंशन का हिस्सा भी नहीं दे रहा है
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प्रतिकात्मक तसवीर |
रविशंकर उपाध्याय, पटना.
सरकार ने नये साल के पहले उम्मीद जगायी थी
सरकार ने नये साल के पहले उम्मीद जगायी थी कि पेंशन की राशि बैंक खातों में दे दी जायेगी लेकिन अभी तक कोई संभावना दिखायी नहीं दे रही है. जब हमने इस मसले की पड़ताल की तो यह पता चला कि केंद्र सरकार ने बिहार के लिए किसी भी प्रकार के अतिरिक्त बजट का प्रावधान नहीं किया है. केंद्र का यह पक्ष है कि बिहार को उसके हिस्से की राशि दी जा चुकी है. अब और राशि नहीं दी जायेगी. वहीं बिहार सरकार का यह कहना है कि हमारे पास लाभुकों के अनुसार राशि नहीं दी गयी है इसी कारण अतिरिक्त राशि की आवश्यकता है.
400 रुपये मिलती है पेंशन, आधा-अाधा देती है राज्य और केंद्र सरकार
मंत्री के साथ केंद्रीय अधिकारियों से बातचीत में इस मसले का हल नहीं निकला और अंतत: मामला अब तक फंसा हुआ है. इस बीच बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग को यह उम्मीद है कि केंद्र सरकार से बात करने पर बात बन जायेगी. समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा इसे लेकर पिछले सप्ताह दिल्ली भी गयी थी लेकिन वहां पर केंद्रीय मंत्री से मुलाकात नहीं हो पायी. अब मुलाकात पर पेंशन की सारी संभावनाएं टिक गयी है. यानी फिलहाल बिहार के बुजुर्गों को अब इंतजार के सिवा कुछ नहीं मिलने वाला. मालूम हो कि इंदिरा गांधी वृधावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत 60 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को 400 रुपये महीने पेंशन राशि दी जाती है. इसमें दो सौ रुपये केंद्र और दो सौ रुपये राज्य सरकार की हिस्सेदारी है. इसके बाद भी राशि तय समय के अनुसार नहीं मिल पाती है.
मंत्री कहती हैं: केंद्रीय मंत्री तोमर से मुलाकात के बाद निकलेगा हल
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मंजू वर्मा |
नोट: प्रभात खबर में 3 जनवरी 2018 को प्रकाशितमेरी रिपोर्ट : http://bit.ly/2E0AL9k
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