4 लाख की आबादी वाला मुजफ्फरपुर 21 लाख की आबादी वाले पटना को दे रहा टक्कर


-प्रदूषण के स्तर में मुजफ्फरपुर मिला रहा है पटना से कदमताल, गया भी ज्यादा पीछे नहीं
- सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ा, पटना के साथ साथ चल रहा मुजफ्फरपुर
-नए साल में भी नहीं सुधरी स्थिति, गया में भी मानक से ज्यादा है वायु प्रदूषण का लेवल
पटना.

4 लाख की आबादी वाला मुजफ्फरपुर 21 लाख की आबादी वाले पटना को टक्कर दे रहा है. देश में प्रदूषण प्रभावित शहरों में राजधानी पटना के साथ अब मुजफ्फरपुर और गया भी कदमताल करने लगे हैं. सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के ताजा आंकड़े यह कहानी बयान कर रहे हैं कि बिहार के छोटे शहरों के हालात भी प्रदूषण के लिहाज से बदतर हैं. देश भर में सबसे ज्यादा प्रदूषित टॉप फाइव शहरों में पटना चौथे और मुजफ्फरपुर पांचवें स्थान पर शामिल हैं. वायु गुणवत्ता के मानकों के मुताबिक हवा में पार्टिकुलेटेड मैटर 2.5 की मात्रा 60 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर होनी चाहिए. लेकिन जनवरी के पांच दिनों में पटना में 2.5 की मात्रा तीन गुणा से लेकर सात गुणा अधिक रहा तो मुजफ्फरपुर भी तीन गुणा से लेकर चार गुणा तक ज्यादा रहा.
फर्स्ट जनवरी को ऑल टाइम हाई था पटना का पॉल्यूशन लेवल
दिसंबर के आखिरी दिन पटना और मुजफ्फरपुर में आंकड़ा समान रहा तो गया भी थोड़ा ही पीछे था. अब तक जनवरी सबसे ज्यादा प्रदूषित होने की राह में है. पटना में फर्स्ट जनवरी को पीएम 2.5 का लेवल ऑल टाइम हाई था. एक जनवरी को मानक से सात गुणा अधिक 423 पर पीएम 2.5 की मात्रा पहुंच गयी. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और सेंटर फॉर इंवायरमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट के मुताबिक खराब गुणवत्ता के मामले में पटना की हवा राज्य में पहले पायदान पर है. इसके बाद मुजफ्फरपुर और गया की हवा अधिकतम प्रदूषित है. इसके साथ ही देश के 20 शहरों में पटना में पीएम 2.5 औसत राष्ट्रीय तय मानक से चार गुना और पीएम 10 का औसत तीन गुना अधिक है.
गा़ड़ियों के प्रदूषण सबसे बड़े कारण
बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अध्ययन कहता है कि पटना की हवा में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5 और पीएम 10) की मात्रा तय मानक से ज्यादा है. इसका कारण गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ, धुल और ईंट भट्टा है. इस प्रदूषण के कारण दमा, कैंसर और सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ये धूलकण आसानी ने सांस के साथ शरीर के अंदर जाकर गले में खरास, फेफड़ों को नुकसान, जकड़न पैदा करते हैं. दमा, कैंसर और सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.
किस शहर में कितना रहा पीएम 2.5?
तिथि® पटना® मुजफ्फरपुर® गया
31 दिसंबर® 173® 160® 77
1 जनवरी® 423® 200® 68
2 जनवरी® 228® 179® 98
3 जनवरी® 249® 147® 114
4 जनवरी® 283® 250® 91
5 जनवरी® 267® 236® 83

किन चीजों से होता है कितना प्रदूषण?
ट्रांसपोर्ट के कारण: 20 फीसदी
लकड़ी जलावन: 20 फीसदी
ईंट भट्ठे की वजह से: 20 फीसदी
ठोस कचरा जलाने पर: 14 फीसदी
इंडस्ट्री से : 9 फीसदी
जेनरेटर व रोड डस्ट: 7 फीसदी
निर्माण कार्य व अन्य: 10 फीसदी

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