तहीं प्रकाश हमारा भयो पटना शहर विखे भव लयो


-सुबह से देर रात तक प्रकाशमय है तख्त हरमंदिर साहिब
रविशंकर उपाध्याय, पटना सिटी

तहीं प्रकाश हमारा भयो पटना शहर विखे भव लयो...अभी प्रसिद्ध शबद कीर्तन की यह लाइन पटना साहिब में साकार हो चुकी है. यहां अहले सुबह से प्रभातफेरी शुरू हो जा रही है, सुबह शुरू होने के साथ अरदास और शबद कीर्तन और उसके बाद देर रात तक दरबार साहिब से लेकर लंगर तक श्रद्धालुओं की लंबी कतार. प्रकाशोत्सव में कुछ इसी तरह दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली पटना साहिब प्रकाशमय है. गुरु के दरबार को प्रकाशित करती रोशनी और मोहित कर रही है. देश के हर कोने से लेकर विदेशों से पहुंच रहे सिख श्रद्धालुओं से तख्त हरमंदिर साहिब जी का परिसर पटा हुआ है. इसमें जो बोले सो निहाल के जयकारे भी हैं और वाहे गुरु जी का खालसा वाहे गुरु जी की फतह का उद्घोष भी. प्रकाश पर्व में अपनी भागीदारी में दूर दूर से आये जत्थेदार और सेवादार हैं और लंगर की शक्ल में सबको एकाकार करता एक समूह है जो गुरु प्रसाद के लिए लालायित है. वह आकांक्षी है गुरु कृपा का. गुरु की रहमत अभी ऐसे ही लगातार दो दिनों तक सुबह से लेकर रात तक लगातार बरसती रहेगी.
 

हमने तो कई प्रकाश पर्व देखे लेकिन पटना साहिब के प्रकाशोत्सव का जवाब नहीं
मैंने तो कई प्रकाशोत्सव को देखा है साहब. खडूर साहिब, तरण तारण से लेकर अकाल तख्त साहिब अमृतसर तक. लेकिन पटना के तख्त हरमंदिर साहिब का 350 वां प्रकाशोत्सव एक स्टैंडर्ड सेट कर चुका है. देश में ऐसी व्यवस्था शायद ही कहीं की गयी होगी जो यहां पर देखने को मिल रही है. आप हरमंदिर साहिब चले जायें या बाइपास के टेंट सिटी. सभी जगह पर आने जाने की मुफ्त में व्यवस्था है. पुलिस वाले बेहद संयत और सपोर्टिव हैं. अमृतसर के रहने वाले दिलबाग सिंह ने कंगन घाट पर मिलते ही कही. वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ यहां पहुंचे हुए हैं. उन्हीं के साथ पहुंचे प्रभजोत सिंह ने कहा कि सभी जगहों पर रहने की मुकम्मल व्यवस्था, आवागमन से लेकर बुनियादी सहूलियतें इस प्रकाशोत्सव को खास बना रही है. दिल्ली से आयी सनमीत, मोहिंदरपाल सिंह, सुरिंदर सग्गू, नवनीत सिंह भी इसी लाइन पर अपनी बातें कह रहे थे. सभी ने कहा कि हम यहां से 26-27 को चले जाएंगे लेकिन पटना की याद एक सुनहरी व्यवस्था को लेकर हम सबके जेहन में रहेगी. हम यहां की सरकार के शुक्रगुजार हैं. यहां जो मान मिला है वह उम्मीद से बढ़कर है.

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