- ट्विटर पर टॉप ट्रेंड करता रहा पटना यूनिवर्सिटी का शताब्दी समारोह, सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उठाये सवाल
रविशंकर उपाध्याय, पटना
...तो पटना यूनिवर्सिटी को क्या मिला? प्रधानमंत्री आये और गये लेकिन पटना यूनिवर्सिटी को मिला क्या? सोशल मीडिया पर पटना यूनिवर्सिटी का शताब्दी दिवस समारोह खूब छाया रहा. पटना यूनिवर्सिटी ट्विटर पर पूरी दुनिया में दोपहर डेढ़ बजे तक 8500 ट्विट के साथ तीसरे नंबर पर ट्रेंड करता रहा. दिन के 12 बजे तक सात हजार से ज्यादा ट्विट हो चुके थे. पत्रकार अभिसार शर्मा ने पटना यूनिवर्सिटी में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के ठीक बाद ट्विट किया कि पटना यूनिवर्सिटी को क्या मिला?
बीएचयू के साल का बजट 1200 करोड़ का, 20 यूनिवर्सिटी का पांच साल में देंगे 500 करोड़
सत्य प्रकाश ने लगातार सवाल उठाये, उन्होंने अपने ट्विट में कहा कि दस हजार करोड़ भी एक जुमला ही है. क्योंकि 20 यूनिवर्सिटी होंगे. फंड 500-500 करोड़ रुपये में बंटेगा. बीएचयू का साल का बजट 1200 करोड़ रुपये का है. सोचिए क्या मिला? उन्होंने एक और ट्विट में कहा कि दादाजी कहते थे, कभी पीयू के फेल बच्चे बीएचयू से पास होते थे. हालात कैसे बदले कि पीयू को गोद लेने की अपील नीतीश मंच से करते रहे, मोदी ने गोद नहीं लिया.
हाथ जोड़ कर मांगा दीवाली का गिफ्ट, नहीं मिला
पत्रकार अलका सक्सेना ने लिखा कि नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से हाथ जोड़ कर एक दीवाली गिफ्ट मांगा था. पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने का. नहीं मिला. रतन सिंह ने लिखा कि पटना यूनिवर्सिटी की हालत काफी दयनीय है, इमारतें खस्ताहाल, 50 फीसदी शिक्षकों की कमी, कई विभाग बंद, रिसर्च गुम, परिसर तबाह प्रकाश जावड़ेकर कुछ तो रहम करें. विक्रांत कुमार ने लिखा हमने तो एक छोटी सी मांग रखी थी वो फिर से बड़ी बातें कर, झांसा देकर निकल लिये.
कार्यक्रम फिट फाट, हासिल हुआ मोकामा घाट
मनीष शांडिल्य ने फेसबुक पर लिखा कार्यक्रम फिट फाट हासिल हुआ मोकामा घाट. पटना लॉ कॉलेज से एलएलबी कर रहे मनीष सिंह ने लिखा कि सांप और चूहे की कहानी सुनाकर चल दिये साहब. कुल मिला कर सोशल मीडिया की टाइमलाइन पर पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी नहीं बनाना बहुत निराशाजनक रहा.
http://epaper.prabhatkhabar.com/c/22975628
रविशंकर उपाध्याय, पटना
...तो पटना यूनिवर्सिटी को क्या मिला? प्रधानमंत्री आये और गये लेकिन पटना यूनिवर्सिटी को मिला क्या? सोशल मीडिया पर पटना यूनिवर्सिटी का शताब्दी दिवस समारोह खूब छाया रहा. पटना यूनिवर्सिटी ट्विटर पर पूरी दुनिया में दोपहर डेढ़ बजे तक 8500 ट्विट के साथ तीसरे नंबर पर ट्रेंड करता रहा. दिन के 12 बजे तक सात हजार से ज्यादा ट्विट हो चुके थे. पत्रकार अभिसार शर्मा ने पटना यूनिवर्सिटी में पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण के ठीक बाद ट्विट किया कि पटना यूनिवर्सिटी को क्या मिला?
बीएचयू के साल का बजट 1200 करोड़ का, 20 यूनिवर्सिटी का पांच साल में देंगे 500 करोड़
सत्य प्रकाश ने लगातार सवाल उठाये, उन्होंने अपने ट्विट में कहा कि दस हजार करोड़ भी एक जुमला ही है. क्योंकि 20 यूनिवर्सिटी होंगे. फंड 500-500 करोड़ रुपये में बंटेगा. बीएचयू का साल का बजट 1200 करोड़ रुपये का है. सोचिए क्या मिला? उन्होंने एक और ट्विट में कहा कि दादाजी कहते थे, कभी पीयू के फेल बच्चे बीएचयू से पास होते थे. हालात कैसे बदले कि पीयू को गोद लेने की अपील नीतीश मंच से करते रहे, मोदी ने गोद नहीं लिया.
हाथ जोड़ कर मांगा दीवाली का गिफ्ट, नहीं मिला
पत्रकार अलका सक्सेना ने लिखा कि नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से हाथ जोड़ कर एक दीवाली गिफ्ट मांगा था. पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा देने का. नहीं मिला. रतन सिंह ने लिखा कि पटना यूनिवर्सिटी की हालत काफी दयनीय है, इमारतें खस्ताहाल, 50 फीसदी शिक्षकों की कमी, कई विभाग बंद, रिसर्च गुम, परिसर तबाह प्रकाश जावड़ेकर कुछ तो रहम करें. विक्रांत कुमार ने लिखा हमने तो एक छोटी सी मांग रखी थी वो फिर से बड़ी बातें कर, झांसा देकर निकल लिये.
कार्यक्रम फिट फाट, हासिल हुआ मोकामा घाट
मनीष शांडिल्य ने फेसबुक पर लिखा कार्यक्रम फिट फाट हासिल हुआ मोकामा घाट. पटना लॉ कॉलेज से एलएलबी कर रहे मनीष सिंह ने लिखा कि सांप और चूहे की कहानी सुनाकर चल दिये साहब. कुल मिला कर सोशल मीडिया की टाइमलाइन पर पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी नहीं बनाना बहुत निराशाजनक रहा.
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