- अस्पताल में 60 कैमरे लगे हुए हैं, एक जगह से होती है मॉनिटरिंग
- सरकारी पैसे की हो रही है बंदरबांट, अधीक्षक कह रहे अब खुद का लगायेंगे
रविशंकर उपाध्याय, पटना
इसे कहते हैं नौ की लकड़ी नब्बे खर्च. पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल यानी पीएमसीएच में सीसीटीवी यानी क्लोज सर्किट टीवी लगाने के लिए एजेंसी को साल भर में 20 लाख रुपये दिये जाते हैं लेकिन विशेषज्ञों कहते हैं कि यदि अस्पताल कैमरा स्वयं खरीद कर लगा दे तो केवल 5 लाख रुपये खर्च आयेंगे. वह भी केवल एक बार ही खर्च होगा, इसके बाद केवल मॉनिटरिंग और मेंटेनेंस में ही थोड़ा बहुत खर्च आयेगा. एजेंसी को काम देने का यह क्रम लगातार तीन साल से चल रहा है. यानी साफ समझा जा सकता है कि सरकारी राशि का किस स्तर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.
पीएमसीएच में लगे हैं 60 सीसीटीवी कैमरे
पीएमसीएच में कुल 60 सीसीटीवी कैमरे विभिन्न विभागों में लगे हुए हैं. इमरजेंसी से लेकर बच्चा वार्ड और महिला वार्ड से लेकर सर्जरी विभाग तक में कैमरा लगे हुए हैं. जगह और जरूरत के हिसाब से कई तरह के क्लोज सर्किट कैमरे लगाये गये हैं जिसमें आमतौर पर बॉक्स की तरह दिखने वाले कैमरे, जिसमें एक छोर पर लेंस के साथ आयताकार यूनिट होती है और दूसरी छोर पर वीडियो रिकॉर्डर है. इन सभी वीडियो रिकाॅर्डर की मॉनिटरिंग के लिए मैनपावर भी लगे हुए हैं. जो मेंटेनेंस भी करता है.
क्या कहते हैं अधीक्षक?
पीएमसीएच के अधीक्षक लखींद्र प्रसाद इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कहते हैं कि सीसीटीवी के लिए हम सालाना 20 लाख से ज्यादा बिल भरते हैं. जिसके लिए दो टेक्निशियन भी संबंधित एजेंसी ने लगा रखा है. तीन साल का उनका कांट्रैक्ट अब खत्म हो रहा है. जल्द ही हम खुद कैमरा खरीद कर लगायेंगे. इसके लिए टेंडर निकालेंगे और उसका संचालन भी खुद करेंगे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
सीसीटीवी के एक्सपर्ट और मैक्समाइल टेक सॉल्यूशन कंपनी के अनुपम कुमार कहते हैं कि यदि किसी बड़े अस्पताल में 60 कैमरे लगाये जायें तो उसमें अधिकतम पांच लाख रुपये खर्च होंगे. इसमें सबसे ऊंचे ब्रांड की कंपनी के सीसी कैमरे और रिकार्डिंग डीवीआर के साथ लंबे स्पेस तक तार लगा सकते हैं. इस खर्च में एक सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम और एक व्यक्ति का मैनपावर भी शामिल है.
http://epaper.prabhatkhabar.com/c/23003869
- सरकारी पैसे की हो रही है बंदरबांट, अधीक्षक कह रहे अब खुद का लगायेंगे
रविशंकर उपाध्याय, पटना
इसे कहते हैं नौ की लकड़ी नब्बे खर्च. पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल यानी पीएमसीएच में सीसीटीवी यानी क्लोज सर्किट टीवी लगाने के लिए एजेंसी को साल भर में 20 लाख रुपये दिये जाते हैं लेकिन विशेषज्ञों कहते हैं कि यदि अस्पताल कैमरा स्वयं खरीद कर लगा दे तो केवल 5 लाख रुपये खर्च आयेंगे. वह भी केवल एक बार ही खर्च होगा, इसके बाद केवल मॉनिटरिंग और मेंटेनेंस में ही थोड़ा बहुत खर्च आयेगा. एजेंसी को काम देने का यह क्रम लगातार तीन साल से चल रहा है. यानी साफ समझा जा सकता है कि सरकारी राशि का किस स्तर पर इस्तेमाल किया जा रहा है.
पीएमसीएच में लगे हैं 60 सीसीटीवी कैमरे
पीएमसीएच में कुल 60 सीसीटीवी कैमरे विभिन्न विभागों में लगे हुए हैं. इमरजेंसी से लेकर बच्चा वार्ड और महिला वार्ड से लेकर सर्जरी विभाग तक में कैमरा लगे हुए हैं. जगह और जरूरत के हिसाब से कई तरह के क्लोज सर्किट कैमरे लगाये गये हैं जिसमें आमतौर पर बॉक्स की तरह दिखने वाले कैमरे, जिसमें एक छोर पर लेंस के साथ आयताकार यूनिट होती है और दूसरी छोर पर वीडियो रिकॉर्डर है. इन सभी वीडियो रिकाॅर्डर की मॉनिटरिंग के लिए मैनपावर भी लगे हुए हैं. जो मेंटेनेंस भी करता है.
क्या कहते हैं अधीक्षक?
पीएमसीएच के अधीक्षक लखींद्र प्रसाद इस तथ्य को स्वीकार करते हुए कहते हैं कि सीसीटीवी के लिए हम सालाना 20 लाख से ज्यादा बिल भरते हैं. जिसके लिए दो टेक्निशियन भी संबंधित एजेंसी ने लगा रखा है. तीन साल का उनका कांट्रैक्ट अब खत्म हो रहा है. जल्द ही हम खुद कैमरा खरीद कर लगायेंगे. इसके लिए टेंडर निकालेंगे और उसका संचालन भी खुद करेंगे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
सीसीटीवी के एक्सपर्ट और मैक्समाइल टेक सॉल्यूशन कंपनी के अनुपम कुमार कहते हैं कि यदि किसी बड़े अस्पताल में 60 कैमरे लगाये जायें तो उसमें अधिकतम पांच लाख रुपये खर्च होंगे. इसमें सबसे ऊंचे ब्रांड की कंपनी के सीसी कैमरे और रिकार्डिंग डीवीआर के साथ लंबे स्पेस तक तार लगा सकते हैं. इस खर्च में एक सेंट्रलाइज मॉनिटरिंग सिस्टम और एक व्यक्ति का मैनपावर भी शामिल है.
http://epaper.prabhatkhabar.com/c/23003869
Comments
Post a Comment