-चुनाव आयोग के स्लोगन प्रतियोगिता में दो बिहारी युवाओं ने बाजी मारी
-कुल पांच विजेताओं में से दो बिहारी, मधुबनी के हिमांशु और औरंगाबाद के रविरंजन के स्लोगन का हुआ चयनरविशंकर उपाध्याय
जातिवाद पर जाओगे, पांच साल पछताओगे...प्रत्याशी यदि हो खोटा, बटन दबाना तब नोटा. बिहार विधान सभा चुनाव में इस बार चुनाव आयोग वोट प्रतिशत बढ़ाने और लोगों को जागरुक करने के लिए इन्हीं स्लोगनों का इस्तेमाल करेगा. इन स्लोगनों की खूबी यह है कि ये खांटी बिहारी स्लोगन हैं. एक महीने पहले चुनावी स्लोगनों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रतियोगिता में कुल पांच प्रतियोगियों के स्लोगन चयनित हुए हैं. इसमें से बिहार के दो युवा छात्रों हिमांशु और रविरंजन ने बाजी मारी है. हिमांशु मधुबनी के बाबू साहेब ड्योढ़ी गांव का रहने वाला है और रविरंजन औरंगाबाद के हसपुरा ब्लॉक के मल्हारा गांव का निवासी हैं. इन दोनों के अलावा दिल्ली की श्रीजा नायर, आंध्र प्रदेश के जॉन सुंदर राजू और मध्य प्रदेश की अमृता बख्शी शामिल हैं.
हिमांशु ने प्रवासी मजदूरों और रविरंजन ने वोट की महत्ता पर लिखा स्लोगन
प्रवासी मजदूरों और फैक्ट्री कामगारों की चुनावी भागीदारी बढ़ाने को लेकर आयोजित प्रतियोगिता में मधुबनी के हिमांशु ने जहां प्रवासी मजदूरों और फैक्ट्री वर्कर्स को जागरुक करते हुए तीन स्लोगन लिखा है वहीं औरंगाबाद के रविरंजन ने वोट की महत्ता और उसकी बिहारी पृष्टभूमि पर कुल दस स्लोगन बनाया है. उनके स्लोगनों की हस्तलिखित स्कैन कॉपी चुनाव अायोग की वेबसाइट पर भी लगायी गयी है. ग्रेजुएशन में पढ़ने वाले हिमांशु और रविरंजन ने प्रभात खबर को बताया कि उन्होंने खेल खेल में ही इस प्रतियोगिता के लिए अपना स्लोगन भेजा था लेकिन ये राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुए, ये उनके जीवन की बड़ी उपलब्धि है.
बॉक्स:-हिमांशु के कुछ स्लोगन:-
1-सदा करते तुम मेहनत मजदूरी, भूल ना जाना बात जरुरी, समाज की कुरीतियों पर चोट करना, आओ मिलकर वोट जरुर करना
2-ऊंचे भवनों को तुमने बनाया, खून पसीने से उसको सजाया, नव भारत का भविष्य जान, मजदूर भाईयों करो मतदान
रविरंजन के स्लोगन-
1-लोकतंत्र का कर्ज है वोट डालना फर्ज है़
2-वोट डालने जाओ बूथ, लोकतंत्र होगा मजबूत
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