रविशंकर उपाध्याय, पटना
यूं तो कुशल प्रबंधन एक दुरूह और मुश्किल भरा काम है. लेकिन यह काम तब और भी सुकून देने वाला हो जाता है जब आपके मातहतों को वह वेल मैनेजमेंट दिखाई दे जाये. प्रशासन और नगर निगम की संयुक्त टीम का यह कुशल प्रबंधन गंगा की लहरों से मुख्य मंत्री जीतन राम मांझी को दिखाई दे ही दिया. उन्होंने बस सवा घंटे की यात्र में ही प्रबंधकों को वेल मैनेजमेंट का सर्टिफिकेट दे दिया. अब भले ही आम लोगों और मीडिया को छठ घाटों पर कचरों का ढेर और कटाव सहित अन्य अव्यवस्था दिखाई दे रहे हों लेकिन जब सीएम खुश हो गये तो और क्या चाहिए? उनके साथ नगर विकास मंत्री सम्राट चौधरी भी व्यवस्था से खुश दिखाई दिये, कहने लगे देखिए कितना चकाचक दिखाई दे रहा है छठ घाट.
प्रबंधकों का वेल मैनेजमेंट दानापुर के नासरीगंज घाट पर तीन बजे से ही दिखाई देना शुरू हो गया था. घाट आने वाले रास्ते को पानी से पटाया गया था, चूने की लाइनिंग भी की गई थी. घाट पर हरा कारपेट सीएम और उनकी टीम की अगवानी में बिछा हुआ था. तय समय से एक घंटे बाद जब मुख्यमंत्री आए तो उनके लिए जहाज का बेड़ा तैयार था. ठीक चार बजे पहले जल संसाधन मंत्री विजय चौधरी फिर सम्राट चौधरी और उनके ठीक पीछे मुख्यमंत्री दाखिल होते हैं. मुख्य सचिव, डीजीपी से लेकर पूरे प्रशासनिक अमले के साथ जहाज दीघा घाट की ओर रवाना हो जाता है. मुख्य सचिव डीएम की ओर मुखातिब होकर बातचीत शुरू करते हैं, क्या जी दीघा घाट का क्या हाल है? सर हमने दीघा घाट के लिए कई इंतजाम किये हैं, वॉच टावर से लेकर ट्रैफिक की पूरी व्यवस्था रहेगी. अब सीएम साहेब को नगर निगम के आयुक्त और डीएम बारी-बारी से घाटों के बारे में बताना शुरू करते हैं..सर पानी बढ़ने के कारण बैरिकेडिंग का काम रूका पड़ा है. वो घट जाये तब जाकर काम शुरू हो सके. देखिए सफाई भी लगातार हो रही है. इसी बीच चूड़ा, चना और बादाम के भूजे के अल्पाहार की इंट्री होती है, हरी मिर्च के साथ. सीएम की पहल के बाद दोनो मंत्री प्लेट को थामते हैं. दस मिनटों के बाद सीन बदल जाता है. बांस घाट से कलेक्ट्रेट घाट, कदम घाट, महेंद्रू घाट आते-आते सफाई कर्मियों की टीम पूरी फिल्मी स्टाइल में वहां झाड़ू का काम जारी रखती है. सब कुछ एक सीन के माफिक. अरे वाह! देखिए कैसे काम कर रहे हैं सब लोग और आप लोग मीडिया वाले खाली गंदगी देखाते रहते हैं. सम्राट चौधरी प्रेस वालों की ओर मुखातिब होकर कहते हैं. इस बीच सीएम मीडिया से बात करते हैं. यह कारवां गाय घाट पर आकर पांच बजकर बीस मिनट पर रूकता है और सीएम तैयारियों से संतुष्ट होकर रवाना हो जाते हैं.
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